
PV Sindhu का ऐतिहासिक रैकेट और भारतीय टीम की हाकी स्टिक हो सकते हैं आपके ,जानिए कैसे
कामयाबी को आदत बनाने वाली लड़की
नई दिल्ली। टोक्यो ओलंपिक में भारतीय स्टार शटलर पीवी सिधु ने इतिहास रच दिया। वह न केवल बैडमिटन इतिहास में भारत के लिए दो मेडल जीतने वाली पहली शटलर बनीं, बल्कि इंडिविजुअल गेम में ऐसा करने वाली पहली महिला एथलीट भी बन गई हैं। टोक्यो ओलंपिक में सेमीफाइनल में हार के बावजूद अपनी प्रतिभा की चमक को बनाए रखते हुए उन्होंने कांस्य पदक जीत लिया। सोचिये कि वह बैडमिटन रैकेट कितना कीमती होगा जिससे पीवी सिधु ने इतिहास बनाया। बिल्कुल सही सोचा आपने वाकई वह रैकेट बेशकीमती है लेकिन राष्ट्र के हित मे एक बड़े उद्देश्य के लिये अब पीवी सिधु के उस ऐतिहासिक रैकेट को कोई भी अपना बना सकता है। दरअसल पीवी सिधु ने ओलंपिक में विजय पताका फहराने के बाद भारत लौट कर प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी को अपना रैकेट उपहार स्वरूप भ्ोंट कर दिया। अब जबकी प्रधानमंत्री को मिले उपहारों का ई-ऑक्शन शुरू हो चुका है। सिधु का बैडमिटन भी उन वस्तुओं की सूची में शामिल है जिनका ऑक्शन किया जा रहा है। यह ई-ऑक्शन 7 अक्टूबर तक चलेगा। सिधु की उपलब्धि की निशानी को आप हासिल कर गौरवान्वित हो सकते हैं। बस pmmementos.gov.in/ पर लॉगऑन कर ई-ऑक्शन में हिस्सा लें। इस ऑक्शन में पीवी सिधु के रैकेट का बेस प्राइज 8० लाख रखा गया है।
इससे पहले भी प्रधानमंत्री को मिलने वाले उपहारों की नीलामी होती रही है। आखिरी बार साल 2०19 में ऐसा ऑक्शन हुआ था। पिछली बार नीलामी में सरकार ने 15 करोड़ 13 लाख रुपये हासिल किए थे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में वह पूरी राशि गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाने हेतु 'नमामि गंगे कोष' में जमा की गयी थी। इस बार भी ऑक्शन से मिलने वाली राशि 'नमामि गंगे कोष' को प्रदान की जाएगी।
नयी रोशनी के रखवाले
ऐसे ही 41 साल से हाकी में ओलंपिक मेडल के अकाल को खत्म कर भारतीय हाकी की पुरूष टीम ने टोक्यो ओलंपिक में ऐतिहासिक विजय हासिल कर भारत को उसके हाकी के पुराने गौरव की चमक से रोशन कर दिया। टोक्यो ओलिपक मे जीता गया वह ब्रांज मेडल महज एक पदक नहीं था बल्कि करोड़ों देश वासियों की आशा और सपने का पूरा होना है। प्रधानमंत्री जब विजेता टीम से मिले तो टीम ने हाकी स्टिक पर सभी खिलाड़ियों के हस्ताक्षर कर उन्हें स्टिक भेंट में दी। अब यह स्टिक प्रधानमंत्री को मिले उपहारों की ई-ऑकशन में शामिल की गयी है। जो भी इस स्टिक को हासिल करना चाहे वह pmmementos.gov.in/ पर चल रही ई-ऑकशन में हिस्सा ले सकता है। यह ई-ऑकशन 7 अक्टूबर तक चलेगी। इससे जो भी राशि हासिल होगी वह देश की जीवनदायनी नदी गंगा के संरक्षण और कायाकल्प कार्यक्रम नमामि गंगे परियोजना पर खर्च की जाएगी।
गौरतलब है कि एक समय था जब भारत विश्व में हाकी का सिरमौर था। धीरे धीरे एस्टोटर्फ के आगमन और खेल के नियमों में अभुतपूर्व बदलाव के चलते भातीय हाकी समय के साथ ताल मेल बिठाने मे नाकाम होने लगी और विश्वस्तरीय प्रतियोगिताओं में वह बुरी तरह पिछड़ गयी। लेकिन धूल से उठ कर फिर शिखर की ओर का सफर शुरू हुआ और आखिरकार मनप्रीत सिह की कैप्टनशिप में हाकी ओलंपिक में भारत के नाम एक और मेडल दर्ज हो गया।
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