Jaipur: लेपर्ड की मौजूदगी से दहशत में निकली एनआरआई कॉलोनी के लोगों की रात, 14 घंटे बाद पकड़ में आया
जयपुर। राजधानी जयपुर की पॉश एनआरआई कॉलोनी में शनिवार की रात लोगों ने दहशत में निकाली। एरिया में एक लेपर्ड के आ जाने स्ो सभी खौफ में रहे। करीब 14 घंटे बाद रविवार सुबह वन विभाग की टीम के लेपर्ड को रेस्क्यू करने के बाद ही सभी ने राहत की सांस ली। दरअसल शनिवार रात कॉलोनी में लेपर्ड को देख दहशत फैल गई। लोगों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी।
रात को नहीं कर सके ट्रेंकुलाइज
जयपुर जंतुआलय के डॉ. अशोक तंवर के नेतृत्व में रेस्क्यू टीम रात को ही मौके पर पहुंच गई और लेपर्ड की तलाश में जुट गई। बताया जा रहा है कि लेपर्ड टीम के सामने आया भी,लेकिन अंध्ोरा होने के कारण उसे ट्रेंकुलाइज नहीं किया जा सका। ऐसे में एक पिंजरा लगा कर वनकर्मी रातभर मॉनिटरिंग करते रहे।
दो बार निशाना चूका तो बुलाना पड़ा एक्सपर्ट को
रविवार सुबह फिर से रेस्क्यू टीम ने मोर्चा संभाला और लेपर्ड की खोज शुरु की। इस दौरान लेपर्ड सामने आया तो डॉ. अशोक तंवर ने उसे ट्रेंकुलाइज करने की कोशिश की, लेकिन दो डार्ट शूट करने के बाद भी निशाना नहीं लगा। इस पर नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के वरिष्ठ वन्यजीव चिकित्सा अधिकारी डॉ.अरविन्द माथुर को बुलाया गया। लेपर्ड एक मकान के खुले क्ष्ोत्र में झाडियों में जाकर छिपा हुआ था। डॉ. माथुर ने ट्रेंकुलाइजिंग गन से एक ही बार में सटीक निशाना लगाते हुए लेपर्ड को बेहोश किया। उसके बाद उसे झालाना ले जाया गया। एक्सपट्र्स ने उसकी पहचान की, जिसमें ये झालाना का नहीं बताया जा रहा है। लेपर्ड का हैल्थ चैकअप करने के बाद देर रात उसे जयपुर के पास ही जंगल में छोड़ दिया गया। डॉ. माथुर ने बताया कि नर लेपर्ड की उम्र करीब 4 से 5 वर्ष है। संभवत भूख व प्यास के कारण वो भटकता हुआ यहां आ गया। रेस्क्यू के दौरान एसीएफ जगदीश गुप्ता, रेंजर जनेश्वर चौधरी, फॉरेस्टर जोगेन्द्र सिंह के साथ रक्षा संस्था के रोहित गंगवाल, सुमित जुनेजा सहित कई वन्यजीव प्रेमी मौजूद रहे।
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