Rajasthan Roadways: सरकार पर  वादाखिलाफी का आरोप, 19 सूत्री मांगों को लेकर रोडवेज कर्मियों ने रैली निकाल कर प्रदर्शन किया

Rajasthan Roadways: सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप, 19 सूत्री मांगों को लेकर रोडवेज कर्मियों ने रैली निकाल कर प्रदर्शन किया


जयपुर। सातवें वेतन वेतनमान लागू करने, सेवानिवृत्त कर्मचारियों के बकाया भुगतान, रिक्त पदों पर भर्ती तथा रोडवेज में नई बसों की खरीद सहित 19 सूत्रीय मांगों पर रोडवेज कर्मियों ने शुक्रवार को जयपुर में सिधी कैम्प से सिविल लाइन फाटक तक रैली निकाली। भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध राजस्थान परिवहन निगम कर्मचारी फैडरेशन एवं सेवानिवृत्त कर्मचारी महासंघ के आव्हान पर निकाली गई रैली प्रात: 11 बजे सिधी कैंप बस स्टैंड से रवाना होकर वनस्थली मार्ग, गवर्नमेंट हॉस्टल, अजमेर रोड, मिशन कंपाउंड, रोडवेज मुख्यालय होेती हुई सिविल लाइंस फाटक तक पहुंची। फाटक पर रोडवेज कर्मियों ने प्रदर्शन कर नारेबाजी की। इसके बाद रोडवेज मुख्यालय पर आमसभा आयोजित की गई,जिसे कर्मचारी नेताओं ने संबोधित किया।

 इस अवसर पर क्षेत्रीय संगठन मंत्री राज बिहारी शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार रोडवेज के घाटे की चिता करने का दिखावा करती है। लोक परिवहन सेवा को परमिट नहीं देने की बात करने के बाद भी परमिट दिए हैं तथा प्राइवेट बसों को निगम के समानांतर संचालन करवा कर राज्य सरकार ने निगम के घाटे को बढ़ाने का कार्य किया है। रोडवेज कर्मियों की वर्तमान सुविधाओं में कटौती की जा रही है। वेतन पेंशन के भुगतान समय पर नहीं होते हैं तथा बोनस एवं डीए के लिए भी आंदोलन करने पड़ते हैं। रोडवेज कर्मियों के साथ सौतेला व्यवहार करते हुए सातवें वेतनमान का लाभ नहीं दिया जा रहा है एवं सेवानिवृत्त कर्मचारियों के परिलाभों का भुगतान 4 वर्ष से लंबित है इससे रोडवेज कर्मियों में असंतोष व्याप्त है। बृजेश कांत शर्मा ने कहा कि समस्त भारत में परिवहन उद्योग के कल्याण के लिए राज्य सरकारों के साथ समन्वय स्थापित कर केंद्र सरकार द्बारा एक केंद्रीय परिवहन नीति बनाई जानी चाहिए।


 मनीषा मेघवाल ने कहा की रोडवेज में संचालन से जुड़ी महिलाओं को चाइल्ड केयर लीव नहीं दी जा रही है तथा बेबी फीडिग एवं महिला कर्मचारियों के लिए मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। महिला कर्मियों के उत्थान एवं सामाजिक सुरक्षा तथा स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए रोडवेज प्रशासन को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश अध्यक्ष बिशन सिह तंवर और महामंत्री दीनानाथ रूंथला ने कहा कि राज्य सरकार को सभी मांगों पर विचार कर समाधान का रास्ता निकालना चाहिए। वरुण तिवाडी ने कहा कि राज्य सरकार समय रहते रोडवेज कर्मियों की मांगों का समाधान करे अन्यथा चार विधानसभाओं के उपचुनाव में इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। 

प्रदेश महामंत्री महेश चतुर्वेदी ने बताया कि परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने चुनाव पूर्व आमरण अनशन कर रहे फ़ेडरेशन कार्यकर्ताओं की मांगों को उचित बताते हुए तत्कालीन भाजपा सरकार की आलोचना की थी और सत्ता में आने पर सभी मांगों को पूरा करने का वादा किया था परंतु सरकार का आधा कार्यकाल होने के बाद भी हमारी मांगों पर कोई विचार नहीं किया गया। तो वेतन व पेंशन 1 तारीख को मिलते हैं ना ही सेवानिवृत्त कर्मचारी को 4 वर्षों से परिलाभों का भुगतान किया जा रहा है। सेवानिवृत्त कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष श्रीगोपाल शर्मा ने कहा कि सेवानिवृत्त रोडवेज कर्मियों के परिलाभों का भुगतान कर राज्य सरकार को संवेदनशीलता दिखाते हुए वरिष्ठ जनों के हित में निर्णय लेना चाहिए। 

महामंत्री मुरारी लाल शर्मा ने बताया कि रोडवेज कर्मी सेवानिवृत्ति के बाद चिकित्सा सेवा से वंचित है। सेवानिवृत्त एवं सेवारत रोडवेज कर्मियों को 5 लाख तक कैशलेस चिकित्सा सुविधा मिले। सभा को पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भगवान सिह शेखावत, सोहन सिह राठौड़, नाहर सिह राजावत व पूर्व कार्य अध्यक्ष मनीराम सुथार ने भी संबोधित किया। सभा का संचालन सत्यनारायण शर्मा ने किया। सभा के अंत में प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री, परिवहन मंत्री, परिवहन आयुक्त, वित्त सचिव के नाम अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक को ज्ञापन दिया गया।

 

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