
रेलवे यात्रियों से क्यों ले रहा अधिक किराया, बताया कारण...
गुरुवार, 25 फ़रवरी 2021
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कम दूरी के ट्रेन किराए में वृद्धि को लेकर लोगों की चिताओं पर रेलवे ने सफाई देते हुए बुधवार को कहा कि गैर जरूरी यात्राओं में कमी लाने के मकसद से किराए में मामूली वृद्धि की गई है। कोरोना लॉकडाउन में छूट के बाद से रेलवे सिर्फ स्पेशल ट्रेनें चला रहा है। शुरुआत में केवल लंबी दूरी की ट्रेनों का संचालन किया जा रहा था, लेकिन अब कम दूरी की पैसेंजर ट्रेनें भी चलाई जा रही हैं। रेल मंत्रालय के बयान के अनुसार, कोरोना महामारी के मद्देनजर विशेष प्रविधान के तहत इन ट्रेनों का किराया इतनी ही दूरी की मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में अनारक्षित टिकट जितना तय किया गया है। रेलवे ने अपने बयान में कहा है कि कोरोना का संकट अभी भी बना हुआ है और कुछ राज्यों में स्थिति बिगड़ रही है। कई राज्यों से आने वाले यात्रियों की स्क्रीनिग की जा रही है और उन्हें यात्रा करने के लिए हतोत्साहित किया जा रहा है। किराए में मामूली वृद्धि को ट्रेनों में भीड़ को नियंत्रित करने और कोरोना को फैलने से रोकने के प्रयास के तौर पर देखा जाना चाहिए। कोरोना संक्रमण के प्रसार पर काबू पाने की दिशा में रेलवे ने 22 मार्च, 2०2० को नियमित ट्रेनों का परिचालन पूरी तरह बंद कर दिया था। लॉकडाउन में ढील दिए जाने के बाद धीरे-धीरे ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जा रही है, लेकिन हालात को कोरोना महामारी की पूर्व स्थिति में नहीं लाए जा सके हैं और उसके लिए कई मामलों पर विचार किया जा रहा है। कोरोना पूर्व की स्थितियों की तुलना में फिलहाल 65 फीसद मेल और एक्सप्रेस ट्रेनें तथा 9० फीसद उपनगरीय सेवाएं बहाल की गई हैं। रोजाना औसतन 1,25० मेल व एक्सप्रेस ट्रेनें तथा 5,35० उपनगरीय और 326 से अधिक पैसेंजर ट्रेनें चलाई जा रही हैं। रेलवे के अनुसार कम दूरी की पैसेंजर ट्रेनों की संख्या कुल ट्रेनों की संख्या का महज तीन फीसद है।
मौजूदा कोविड के स्थिति को ध्यान में रखते हुए, मेल / एक्सप्रेस रेलगाड़ियों की शुरुआत के बाद, रेलवे सभी आवश्यक सावधानी बरतते हुए और अतिरिक्त प्रयास कर के आने वाले दिनो में धीरे-धीरे यात्री रेलगाड़ियों का परिचालन शुरू कर रही है। सामान्य परिचालन शुरू करने से पहले राज्यों की स्वास्थ्य स्थिति, और राज्य सरकारों के विचार, आदि को में ध्यान में रखा जाने की आवश्यकता है। यह ध्यान देने योग्य है कि यात्री परिचालन को हमेशा रेलवे द्बारा सब्सिडी दी गई है। आम तौर पर, रेलवे एक यात्री द्बारा हर यात्रा पर नुकसान उठाना पडता है। रेलवे ज्यादातर कोविड के चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के समय में रेलगाड़ियों को चला रहा है। कई रेलगाड़ियों को लोगों के लाभ के लिए कम यात्रियों के बावजूद चलाया जा रहा है। स्टेशनों और रेलगाड़ियों में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए, कोविड से पहले के समय की तुलना में यात्री रेलगाड़ियों का किराया थोड़ा अधिक लिया जा रहा है और इसके संरक्षण पर कड़ी नजर रखी जा रही है। कोविड के समय के दौरान आवश्यक प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए सेवाओं की बहाली सुनिश्चित करने के लिए स्थिति की लगातार निगरानी की जा रही है।
मौजूदा कोविड के स्थिति को ध्यान में रखते हुए, मेल / एक्सप्रेस रेलगाड़ियों की शुरुआत के बाद, रेलवे सभी आवश्यक सावधानी बरतते हुए और अतिरिक्त प्रयास कर के आने वाले दिनो में धीरे-धीरे यात्री रेलगाड़ियों का परिचालन शुरू कर रही है। सामान्य परिचालन शुरू करने से पहले राज्यों की स्वास्थ्य स्थिति, और राज्य सरकारों के विचार, आदि को में ध्यान में रखा जाने की आवश्यकता है। यह ध्यान देने योग्य है कि यात्री परिचालन को हमेशा रेलवे द्बारा सब्सिडी दी गई है। आम तौर पर, रेलवे एक यात्री द्बारा हर यात्रा पर नुकसान उठाना पडता है। रेलवे ज्यादातर कोविड के चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के समय में रेलगाड़ियों को चला रहा है। कई रेलगाड़ियों को लोगों के लाभ के लिए कम यात्रियों के बावजूद चलाया जा रहा है। स्टेशनों और रेलगाड़ियों में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए, कोविड से पहले के समय की तुलना में यात्री रेलगाड़ियों का किराया थोड़ा अधिक लिया जा रहा है और इसके संरक्षण पर कड़ी नजर रखी जा रही है। कोविड के समय के दौरान आवश्यक प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए सेवाओं की बहाली सुनिश्चित करने के लिए स्थिति की लगातार निगरानी की जा रही है।
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