
राजस्थान में अगले वर्ष से कृषि बजट अलग से पेश होगा
केन्द्र सरकार के तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों को लुभाने के लिये राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को अगले साल से कृषि बजट अलग से पेश करने की घोषणा की। राजस्थान विधानसभा में पेश बजट के दौरान उन्होंने कृषि क्षेत्र के लिये कई घोषणाएं भी कीं। बजट भाषण में महात्मा गांधी का उल्लेख करते हुए गहलोत ने कहा,'' गांधी जी ने कहा था कि अगर भारत को शांतिपूर्ण सच्ची प्रगति करनी है तो पैसे वाले यह समझें कि किसानों में ही भारत की आत्मा बसती है।'' गहलोत ने कहा, '' हमारी सरकार भी हमेशा से किसान हितैषी रही है और कृषि ऋण माफी समेत कई महत्वपूर्ण कल्याणकारी योजनाएं लाती रही हैं।''
मुख्यमंत्री ने कहा, ''केंद्र के तीन विवादित कानून के स्थान पर किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए हमने तीन विधेयक विधानसभा सत्र में पारित करवाकर राज्यपाल भेजे और हमें विश्वास है कि वे इन विधेयकों को राष्ट्रपति भेजेंगे।'' गहलोत ने कहा, ''इस भावना को आगे बढ़ाते हुए मैं अन्नदाता के बेहतर भविष्य के संरक्षण के लिए आगामी वर्ष से कृषि बजट की शुरुआत करना प्रस्तावित करता हूं।'' उन्होंने कहा कि अपने वादे को निभाते हुए राज्य सरकार ने 2० लाख 89 हजार किसानों के 8००० करोड़ रुपये के कर्ज माफ किए हैं। साथ ही गत सरकार के लंबे समय से लंबित 6००० करोड़ रुपये का भी भुगतान किया और कुल मिलाकर 14००० करोड़ रुपये से अधिक की राशि के किसानों के ऋण माफ किए। उन्होंने कहा, '' हमने अन्य सभी राष्ट्रीयकृत बैंकों के कर्जदार काश्तकारों को ऋण माफी का लाभ देने के लिए भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा था लेकिन इस संबंध में अभी तक उनसे सहमति प्राप्त नहीं हुई है।'' अपने बजट भाषण में मुख्यमंत्री ने कृषक तथा पशुपालकों की आय में वृद्धि तथा समग्र विकास सुनिश्चित करने की दृष्टि से 'कृषक कल्याण कोष' के माध्यम से आगामी तीन साल के लिए अनुदान आधारित मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना लागू करने की घोषणा की। इसके तहत तीन लाख कृषकों को निशुल्क जैव उर्वरक दिए जाएंगे।
नयी कृषि विद्युत वितरण कंपनी की स्थापना की भी घोषणा
मुख्यमंत्री ने कहा, ''बिजली की पर्याप्त उपलब्धता, बिजली खरीद में पारदर्शिता और अच्छे वित्तीय प्रबंधन के लिये.. मैं किसानों के लिये एक नई बिजली वितरण कंपनी की स्थापना की घोषणा करता हूं।'' गहलोत ने डूंगरपुर, हिण्डौली, हनुमानगढ में तीन नवीन कृषि महाविद्यालयों की स्थापना, प्रत्येक जिले में चरणबद्ध रूप में मिनी फूड पार्क, जोधपुर के मथानिया में लगभग 1०० करोड़ रूपये की लागत से मेगा फूड पार्क की भी घोषणा की।
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