
Corona returns...इस बार ये लक्षण ज्यादा दिख रहे, जानिए एम्स चीफ डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने क्या कहा
देशभर में चल रहे कोविड वैक्सीनेशन प्रोग्राम के बीच कोरोना की दूसरी लहर ने एक बार फिर सबको चिंता में डाल दिया है। 24 घंटे में कोरोना केस की संख्या 1 लाख के पार जाने लगी है। जबकि पहली लहर में यह 1 लाख का आंकड़ा भी नहीं छू पाई थी। तेजी से फैलते संक्रमण को लेकर कई राज्यों में लॉकडाउन और नाइटकफ्र्यू जैसे कदम उठाने शुरु कर दिए हैं। दूसरी लहर पहले से भी ज्यादा भयानक है। इससे बचने के लिए क्या उपाय करना चाहिए, क्या वैक्सीन लगाने के बाद हम संक्रमण से बच सकते हैं? क्या इस बार कोरोना के नए लक्षण सामने आ रहे हैं? क्या 18 वर्ष से ऊपर सभी उम्र को वैक्सीन लगानी चाहिए? ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब दिए दिल्ली एम्स के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने। कोरोना को लेकर निजी चैनल्स को दिए साक्षात्कार में इन सवालों को लेकर उन्होंने क्या कहा:
क्या इस बार बदल गए कोविड के लक्षण?
एम्स डायरेक्टर से जब पूछा गया कि देश में कोरोना के नए वैरियंट की नई लहर चल रही है, ऐसे में बीमारी के लक्षण भी बदल तो नहीं गए हैं तो उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है। हालांकि, उन्होंने यह जरूर कहा कि इस बार पहले के मुकाबले अभी पेट खराब होने, जी मिचलाने, उल्टी होने, डायरिया होने के लक्षण ज्यादा देखने में आ रहे हैं। गुलेरिया ने कहा, इस बार भी ज्यादातर वही लक्षण देखने को आ रहे हैं- जुकाम, नजला, बुखार, गले में खरास, शरीर दर्द। कुछ लोगों को इस बार पेट खराब होने, जी मिचलने, उल्टी होने, डायरिया होने के लक्षण बढ़े हैं। ये पहले भी थे, लेकिन इस बार इनकी ज्यादा शिकायत आ रही है। अगर आपको बुखार, जुकाम, नजला हो या फिर बुखार हो और जी भी मिचला रहा हो, उल्टी हो रही है या डायरिया हो तो आपको तुरंत जांच करवाना चाहिए ताकि संक्रमण होने की स्थिति में यह आपके पूरे परिवार तक नहीं पहुंच सके।
18 से ऊपर वालों को देंगे तो दुनियाभर की वैक्सीन भी कम पड़ जाएगी
18 साल से ऊपर वालों के वैक्सीनेशन पर गुलेरिया ने कहा कि 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को टीका लगाएं तो हमें अपने आंकड़े भी देखने होंगे। हमारे देश में 18 साल से ऊपर की करीब 97 करोड़ आबादी है। चूंकि हर व्यक्ति को दो-दो डोज देना पड़ता है तो हमें करीब 2 अरब डोज चाहिए। अगर हम दुनियाभर से वैक्सीन मंगाकर जमा कर लें तो भी 2 अरब डोज नहीं हो पाएगी। अगर हमने प्रायॉरिटी तय करनी छोड़ दी तो कोविड बुजुर्गों और गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों को अपनी चपेट में लेने लगेगा और फिर मौतों का सिलसिला बढ़ जाएगा।
वैक्सीन के बाद भी कोरोना
गुलेरिया ने इस सवाल पर कहा कि टीकाकरण एक माध्यम है जिससे कोविड पर नियंत्रण पाया जा सकता है, लेकिन ऐसा नहीं है कि यह कोविड के खिलाफ पूरी तरह सुरक्षित कर देता है। उन्होंने कहा वैक्सीन आपको इम्यूनिटी देती है, आपको संक्रमण से नहीं बचाती है। वैक्सीन के दूसरे टीके के दो हफ्ते बाद ही प्रोटेक्शन मिलेगा। दूसरा वैक्सीन हमें बीमारी से बचाएगी संक्रमण से नहीं। मतलब टीका लगाने के बाद सीरियस बीमारी नहीं होगी, हॉस्पिटल नहीं जाना पड़ेगा, मृत्यु होने का डर कम है। लेकिन हम खुद संक्रमित हो सकते हैं और दूसरों को भी फैला सकते हैं। हमें यह भी समझना चाहिए कि एफिकेसी ट्रायल के पैमाने पर भी वैक्सीन 7० से 8० प्रतिशत ही खरा उतरा था। इसका मतलब है कि 2० से 3० प्रतिशत लोग ऐसे भी होंगे जो वैक्सीन लेने के बाद भी बहुत ज्यादा सुरक्षित नहीं हो पाएंगे।
कैसे टूटेगी संक्रमण की चैन:
गुलेरिया ने कहा कि थोड़ी सी जिम्मेदारी दिखाकर संक्रमण के सिलसिले को तोड़ा जा सकता है जिससे लॉकडाउन की जरूरत नहीं होगी। उन्होंने कहा सख्ती करनी पड़ेगी, टेस्टिंग, ट्रैकिग और ट्रीटमेंट पर जोर देना होगा। कंटेनमेंट जोन बनाकर संक्रमित लोगों को आइसोलेट करना होगा ताकि एक एरिया से दूसरे एरियाज में संक्रमण नहीं पहुंचे। उन्होंने लोगों से अपील की है कि मास्क लगाएं, दो गज की दूरी का नियम मानें, भीड़ इकट्ठा नहीं करें, गैर-जरूरी यात्रा नहीं करें, बेवजह घर से नहीं निकलें।
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