Corona Effect : होटल कारोबार को करोड़ों का झटका, कई बजट होटल हुए बंद, बिकने को तैयार, सरकार से रियायत की मांग

Corona Effect : होटल कारोबार को करोड़ों का झटका, कई बजट होटल हुए बंद, बिकने को तैयार, सरकार से रियायत की मांग

  

जयपुर।  कोरोना संक्रमण के चलते लगाए गए लॉकडाउन का असर वैसे तो पूरे व्यापार-उद्योग जगत पर पड़ा है। लेकिन होटल और टूरिज़्म इंडस्ट्री पर इसका सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ा है। कारोबारियों की मानें तो अभीतक की स्थिति में राजस्थान के होटलों को हज़ारों करोड़ का झटका लग चुका है।

होटल कारोबारियों का कहना है कि ऐसी स्थिति में स्टाफ का वेतन, मेंटनेंस, बिजली बिल भरना भी मुश्किल हो गया है। सबसे ज्यादा झटका तो किराए पर चलने वाले छोटे रेस्टाेरेंट को हुआ है। लॉकडाउन खुलने के बाद भी इनके खुल पाने में संशय बना हुआ है।  होटल कारोबारियों का कहना है कि होटलों को विशेष रियायत मिलनी चाहिए। इनके बाद ही इनकी स्थिति में सुधार होगा। होटल कारोबारियों का कहना है कि आने वाले छह माह में ही होटल के क्षेत्र में कोई सुधार की संभावना नहीं है। इसका सबसे प्रमुख कारण तो यही है कि इसके बाद बारिश शुरू हो रहा है और बारिश में कारोबार वैसे ही ठंडा रहता है। इसलिए होटल कारोबारी सरकार से रियायत चाहते है।

इसमें बजट श्रेणी के होटल सर्वाधिक प्रभावित हुए है और इसकी आर्थिक क्षमता सीमिति होने के कारण प्रदेश के लगभग आधे बजट होटल बंद हो गये हैं  और बिकने के लिए तैयार है। राजस्थान प्रदेश में लगभग 10,000 बजट होटल है। जो आने वाले 75% पर्यटकों को ठहरने व खाने की सुविधा देते है। इनके कर्मचारी बेरोजगार हो गये है एवं उनके परिवारों को खाने की समस्या हो गई है। प्रदेश के इस महत्वपूर्ण उद्योग को उबारने के लिए फेडरेशन ऑफ़ राजस्थान होटल एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बजट होटलों को राहत देने की मांग की  है। 

ये हैं प्रमुख मांगें 

1. बिजली की दर कम कर औद्योगिक की जाए । 

2. बिजली बिल में फिक्स चार्ज उस माह के अधिकतम लोड़ पर लिया जाये, न कि फुल होटल के सर्वाधिक सम्भावित लोड के अनुसार मासिक अधिकतम लोड भी मीटर में बिजली उपभोग के साथ प्रदर्शित होता है और इसी पर फिक्स चार्ज लेना चाहिये 

3. होटलों को 19 वार्षिक लाईसेंस फीस व अन्य शुल्क देने होते है जैसे होटल कमरों का लाईसेंस, खाना बनाने का लाईसेंस, नगरीय विकास कर, अग्निशमन अनाप्ति, प्रदूषण अनाप्ति श्रम विभाग के लाईसेंस आदि। सभी लाईसेंस जो 31.03.2020 तक चालू थे, उन्हें 31.03.2022 तक बिना शुल्क या लेट फीस के मान्य माना जाये। अनेकों राज्य सरकार ऐसा प्रावधान कर चुके है। गुजरात सरकार ने होटलो के लिये प्रोपर्टी टेक्स एवं बिजली के फिक्स चार्ज पूरे माफ करने की घोषणा कर दी है। 

इनका कहना है

होटल एसोसियेशन ऑफ जयपुर के अध्यक्ष गजेन्द्र लूनीवाल ने कहा की राज्य की 9% नौकरी इसी उद्योग द्वारा दी जाती है और हमारे प्रदेश में पर्यटन प्रमुख्य व्यवसाय है। यदि राज्य सरकार शीघ्र इस दिशा में बजट होटलों को सहारा नहीं देगी तो कई वर्षों के लिये यहां पर्यटकों को बहुत असुविधा होगी। 


फैडरेशन ऑफ राजस्थान होटल एसोसियेशन के अध्यक्ष  ए.सी. मैनी ने कहा की  मुख्यमंत्री से  पूरी आशा है कि वे प्रस्तुत प्रतिवेदन पर शीघ्र निर्णय कर इस उद्योग को राहत पहुँचा कर औद्योगिक विकास के अभिन्न अंग को मुख्यधारा में लाएंगे।   












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