Rajasthan: जयपुर में छैमार गिरोह की दस्तक, पुलिस ने गैंग के 9 सदस्यों को गिरफ्तार किया
जयपुर। जयपुर पुलिस ने नकबजनी और डकैती के दौरान हजारों लोगों की हत्या करने वाले कुख्यात छैमार गिरोह की जयपुर शहर में उपस्थिति का खुलासा करते हुए गिरोह से जुड़े हत्या, लूट एवं डकैती के वांछित ईनामी सहित कुल 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस आयुक्त आनन्द श्रीवास्तव ने बताया कि जयपुर शहर में आगामी सर्दियों के मौसम को देखते हुए चोरी, लूट व डकैती की वारदतों को अंजाम देने वाले अपराधियों पर लगाम लगाने के लिये शहर में स्थिति कच्ची बस्तियों एवं खानाबदोश के डेरों पर विशेष तलाशी अभियान चलाया गया। संदिग्ध अपराधियों के विरूद्घ पुख्ता कार्यवाही के लिए अतिरिक्त पुलिस आयुक्त प्रथम अजयपाल लाम्बा एवं पुलिस उपायुक्त डॉ.अमृता दुहन के निर्देशन में अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त सुलेश चौधरी के निकट सुपरविजन में आयुक्तालय जयपुर की टीम को कार्यवाही में विशेष सफलता मिली।
छैमार गिरोह की दस्तक -
डॉ.अमृता दुहन ने बताया कि तलाशी अभियान के दौरान पुलिस टीम को छैमार गिरोह को ट्रेस करने में महत्वपूर्ण सफलता मिली। जयपुर शहर के न्यू आतिश मार्केट व शिप्रापथ के बीच कब्रिस्तानों के पास एक बड़ी कच्ची बस्ती एवं बडी संख्या में डेरे लगाकर खानबदोश टाईप के लोग रह रहे थे। जिनकें बारे में मुखबीर से लगातार आसूचना मिल रही थी कि जिसमें कई वांछित खूंखार अपराधी भी छिपकर फरारी काट रहे है। इस पर सीएसटी प्रभारी खलील अहमद, पुलिस निरीक्षक धीरेन्द्र सिह के नेतृत्व में थाना मानसरोवर, मुहाना एवं शिप्रापथ के जाब्त की संयुक्त टीम बनाकर 11 व 12 नवंबर को 2 दिन तक विशेष अभियान चलाया गया। जिसमें 54 लोगों को दस्तयाब कर पूछताछ की गयी जिनमें से 9 अपराधी छैमार गिरोह के निकले। जिनमें 25 हजार रूपये का ईनामी साहिब खान भी है। जिनसे गहन पूछताछ की जा रही है एवं उत्तर प्रदेश से भी एसटीएफ की टीम पूछताछ कर रही है।
कौन है छैमार गिरोह
यह मूल रूप से उत्तरप्रदेश के जिला सहारनपुर, मुरादाबाद, फैजाबाद, सम्बल, अमरौहा, फरूखाबाद एवं कानपुर के आस-पास के ग्रामीण इलाकों में खानाबदोश के रूप में डेरे लगाकर निवास करते है तथा रेलवे के माध्यम से उत्तर से दक्षिण, पूर्व से पश्चिम सम्पूर्ण भारत में पहुंचकर नकबजनी एवं डकैती की वारदातें को अंजाम देते है। छैमार गिरोह की 2 शाखाएं है। एक शाखा पंजाबी छैमार कहलाती है, जो पंजाबी भाषा में ही बातचीत करते है तथा दूसरी शाखा पूर्बिया छैमार कहलाते है। दोनों ही गिरोह के सदस्य बहुत खूंखार व दुर्दान्त है। अब तक हजारों लोगों की हत्या, नकबजनी एवं डकैती के दौरान कर चुके है। इनके रीति-रिवाजों में गैंग का मुखिया वह अपराधी बनता है जिसने अपने हाथों से कम से कम 6 लोगों की हत्या की हो। इसी कारण इस गिरोह को छैमार कहा जाता है।
कैसे देते हैं वारदात को अंजाम
छैमार गिरोह के सदस्य बड़े कस्बों की बाहरी आबादी के आस-पास डेरे लगाकर रूक जाते है तथा महिलाएं व पुरूष आस-पास के गांव में कबाड बीनने एवं छोटा-मोटा सामान बेचने के नाम पर रैकी करते है। गांव के बाहर की तरफ ऐसा मकान देखते है, जिसमें किसी लड़के नई शादी हुई हो तथा घर के बाहर लिखे वाक्य जैसे फलाना परिवार आपका हार्दिक स्वागत है, शुभ-विवाह संजय संग संध्या जैसे वाक्य देखकर अंदाज लगाते है कि घर में नकदी व जेवर मिलने की संभावना है। इसके बाद वह इलाका छोड देते हैं फिर महिने- डेढ महिने का समय निकालकर वारदात करने के लिये टेàन बस के माध्यम से घटनास्थल के आस-पास के खाली खेत वगैरा में जाकर रात्रि ०9-1० बजे बैठ जाते हैं वहीं शराब एवं मीट की पार्टी करते हैं एवं आस-पास के हरे पेड से मोटे डण्डे काटकर उनकी पूजा आदि करते हैं फिर रात में ०2 बजे के आसपास छत का दरवाजा तोडकर घर में अन्दर प्रवेश करके मुख्य द्बार खोल देते हैं और गैंग के सभी सदस्य अंदर प्रवेश कर जाते हैं। गैंग के सदस्यों की संख्या इस बात पर निर्भर करती है कि शिकार के घर में कितने लोग हैं, उनकी संख्या से ०3-०4 लोग ज्यादा शामिल होते हैं। घर के प्रत्येक व्यक्ति के सिरहाने पर लट्ठ लेकर पहरेदार खडे हो जाते हैं। बाकि सदस्य बक्सों को घर से बाहर निकालते हैं तथा अलमारियों को तोडते हैं व उसमें से सोना-चांदी एवं नगदी चुराते हैं। इस दौरान यदि घर का कोई सदस्य जाग जाता है तो उसके सिर पर डण्डे से वार करके हत्या कर देते हैं उसे हिलने का भी मौका नहीं देते हैं। यह गिरोह जब भी वारदात करने जाता है श्रखंलाबद तरीके के एक रात में ०5-०6 जगह वारदात करने का प्रयास करता है। इस गिरोह ने ऐसी-ऐसी घटनाएं की है जिसकी एक ही घटना में ०5-०6 लोग मारे हैं। यह गिरोह हर जगह अपने नाम पते एवं पहचान बदलकर वारदात करते हैं। पकडे जाने पर फर्जी पहचान पत्र व फर्जी जमानती पेश कर जमानत करवा लेते हैं और डेरे को दुसरे जगह लगाकर रहने लग जाते हैं।
-छैमार सरगना फाती की गैंग -
जयपुर में तलाशी अभियान के दौरान ग्राम भोजपुर, जिला मुरादाबाद के फाती उर्फ कादिम पहलवान की गैंग व परिवार के सदस्यों की उपस्थिति मानसरोवर, रामपुरा रोड मुहाना, पत्रकार कॉलोनी के पास अस्थाई डेरे लगाकर रहते पाये गये। फाती उर्फ कादिम पहलवान को कुछ दिनों पूर्व उत्तरप्रदेश एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था तब उसका भाई आदिल उर्फ शेरखान उसका लडका साहिब उर्फ शेफ अली उर्फ मुनाजीर व फाती के लडके सलमान, कादिर , शोहरत व इनके परिवार तथा अन्य रिश्तेदार आकर जयपुर में डेरे जमाकर फरारी काट रहे थे और कबाड बिनने का काम करने लगे। जो जयपुर शहर के बाहरी इलाके में किसी बडी वारदात करने की फिराक में थे लेकिन सीएसटी को मुखबीरो से जानकारी मिली तब इन पर दबिश दी गई।
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