JN.1 Sub Variant in Rajasthan: जयपुर में भी कोविड के दो रोगी, एडवाइजरी जारी, जरूर पढ़िए...

JN.1 Sub Variant in Rajasthan: जयपुर में भी कोविड के दो रोगी, एडवाइजरी जारी, जरूर पढ़िए...

जयपुर। केरल में कोरोना के नए वेरिएंट JN. 1 के सामने आने के बाद देश में लगातार  कोरोना के मरीज बढ़े हैं। नए वैरिएंट के फैलाव को देखते हुए केंद्र की ओर से भी इसको लेकर एडवायजरी जारी की गई है। इन सबके बीच जयपुर में COVID-19 के 2 नए पॉजिटिव मामले सामने आए हैं, इससे हड़कंप मच गया है। राज्य सरकार ने अलर्ट जारी करते हुए सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं।  नए वैरिएंट के फैलने के खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट मोड पर रहने को कहा गया है, ताकि किसी भी तरह की प्रतिकूल परिस्थितियों से निपटा जा सके साथ ही आमलोगों को मास्क लगाने की भी सलाह दी जा रही है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह के निर्देशों की पालना में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने कोविड-19 एवं श्वसन रोगों से बचाव एवं नियंत्रण के लिए एडवाइजरी जारी की है।

  एडवाइजरी के प्रमुख बिन्दु इस प्रकार हैं:-

* सर्दी के मौसम में खांसी, बुखार, जुकाम व गला खराब आदि लक्षणों के रोगियों की संख्या में वृद्धि पायी जाती है। वर्तमान में देश के केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, महाराष्ट्र व अन्य राज्यों में कोविड केसेज की संख्या में भी वृद्धि पायी गयी है। देश के केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, दिल्ली व गोवा राज्यों में कोविड का नया सब वेरियेन्ट JN.1 पाया गया है। राजस्थान राज्य में जैसलमेर में दो तथा जयपुर में दो रोगी जिनमें एक झुंझुनूं तथा दूसरा भरतपुर के मूल निवासी हैं, संक्रमित पाये गये हैं। विशेषज्ञों की राय अनुसार प्रथम दृष्टया यह अपेक्षाकृत Mild Infection प्रतीत होता है।

 *हल्की सर्दी, खांसी, बुखार, जुकाम व गला खराब के रोगी चिकित्सक की सलाह समय पर लेते हैं तो रोग के नियंत्रण पर प्रभावी व तत्काल काबू पाया जा सकता है।

* चिकित्सक के परीक्षण के बाद आईएलआई (ILI - Influenza-like Illness) रोगियों में सामान्य सर्दी, खांसी, बुखार, जुकाम व गला खराब के लक्षण की स्थिति में होम आईसोलेशन एवं उक्त लक्षणों के गम्भीर या लम्बी अवधि होने की स्थिति में तथा Severe acute respiratory illness (SARI) के संक्रमण पर अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी जाती है।

* बच्चे, वृद्धजन, गर्भवती महिलाएं एवं को-मोर्बिडिटी वाले व्यक्तियों यथा डायबिटीज, कैंसर, हृदय रोग व अन्य गंभीर बीमारियों के रोगियों को सर्दी, खांसी, बुखार, जुकाम व गला खराब के लक्षण की स्थिति में सतर्क रहने व विशेष ध्यान रखते हुए तुरन्त चिकित्सक के अनुसार उपचार /कोविड टेस्ट करवाये जाने की सलाह दी जाती है। क्यांेकि उनमें रोग के गम्भीर होने की ज्यादा सम्भावना रहती है।

*आईएलआई व ¼SARI½ के लक्षण होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर चिकित्सक की सलाह अनुसार कोविड-19 की जांच व उपचार समय रहते लिया जाना चाहिए।

*आईएलआई के रोगियों जिन्हें सर्दी, खांसी, बुखार, जुकाम व गला खराब की तकलीफ है, उन्हें दूसरे लोगों से दूरी बनानी चाहिए और मास्क का उपयोग करना चाहिए एवं हाथों को आवश्यकतानुसार साबुन से 20 सैकेण्ड तक धोना या सेनेटाईजर का उपयोग करना चाहिए।

* आने वाले त्यौहार व नववर्ष पर कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर की पालना की जानी चाहिए। आमजन में कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर प्रणाली का उपयोग संक्रमण से बचाव के लिए उपयुक्त प्रक्रिया है।

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